बिहार में डेयरी फार्म खोलना एक लाभदायक और टिकाऊ (Profitable and Sustainable) व्यवसाय हो सकता है, खासकर जब सरकार द्वारा कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बिहार में डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण है राज्य की उपजाऊ भूमि, बढ़ती मांग, और सरकारी योजनाओं का सहयोग,आइए जानते हैं कि बिहार में डेयरी फार्म कैसे खोला जा सकता है:
सरकारी सहायता और योजनाएं (Government Support and Schemes):
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं:
- मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (बिहार):
- सुधा डेयरी का समर्थन:
- बिहार राज्य डेयरी कोऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) से तकनीकी और वित्तीय मदद।
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- PM किसान योजना:
- किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
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डेयरी फार्म के लिए सही योजना (Business Plan):
1.एक विस्तृत प्लान बनाएं जिसमें ये पहलू शामिल हों:
- प्रारंभिक निवेश (Initial Investment)
- दूध उत्पादन का लक्ष्य (Milk Production Target)
- लागत का अनुमान (Cost Estimation): पशुओं की खरीद, शेड निर्माण, चारा, दवा, श्रमिकों का वेतन।
- लाभ और बाजार मूल्य का अनुमान (Profit and Market Analysis)
2. प्रारंभिक लागत और फंडिंग (Initial Cost and Funding):
अनुमानित लागत (10-15 पशुओं के लिए):
- पशु खरीदने का खर्च: प्रति गाय ₹50,000-₹90,000, प्रति भैंस ₹60,000-₹1,20,000।
- शेड निर्माण: ₹1,00,000-₹3,00,000।
- चारा और दवा का खर्च: प्रति महीने ₹15,000-₹30,000।
- दूध निकालने की मशीन: ₹30,000-₹50,000।
- अन्य खर्च: ₹50,000।
3. ज़मीन का चयन(Land selection:):
- स्थान: ऐसी जगह चुनें जहाँ पानी और चारे की भरपूर उपलब्धता हो। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी जगह आसानी से मिल सकती है।बाजार के नजदीक स्थान चुनें ताकि दूध और अन्य डेयरी उत्पाद आसानी से बेचे जा सकें और परिवहन के लिए सुविधाजनक हो। गर्मी के मौसम में भैंसों या गायों को हवा देने के लिए पंखे की भी जरुरत पड़ती है वहां पर बिजली की सुविधा मौजूद हो।
- क्षेत्रफल: आपके पास जितने पशु होंगे, उतने ही अधिक जगह की आवश्यकता होगी।
- भूमि का प्रकार: डेयरी फार्म के लिए समतल और उपजाऊ भूमि सबसे उपयुक्त होती है।
4. पशुओं का चयन (Animal Selection):
बिहार के लिए उपयुक्त पशुओं की नस्लें:
- गाय: होल्स्टीन फ्रीज़ियन, जर्सी, साहीवाल
- भैंस: मुर्रा, जाफराबादी
पशुओं का चयन करते समय ध्यान दें:
- अच्छी दूध उत्पादन क्षमता वाले पशु खरीदें।
- स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त पशुओं को ही खरीदें।
5.बुनियादी ढांचा:
- शेड: पशुओं के रहने के लिए हवादार और साफ-सुथरा शेड का निर्माण करें। बिहार में मॉनसून के कारण शेड को बारिश और नमी से सुरक्षित रखें।
- पानी की व्यवस्था: पशुओं को पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था करें।
- चारागाह: पशुओं को चरने के लिए चारागाह का निर्माण करें।
- दूध संग्रहण: दूध निकालने और संरक्षित करने के लिए मशीनरी का उपयोग करें।
6.चारा और पोषण (Feed and Nutrition):
- बिहार में हरा चारा उगाने के लिए नेपियर घास और बरसीम उपयुक्त हैं।
- सूखा चारा जैसे भूसा और दानेदार मिश्रण का इस्तेमाल करें।
- खनिज मिश्रण और विटामिन की खुराक पशुओं को दें।
- स्थानीय कृषि केंद्र से चारा उगाने और प्रबंधन की सलाह लें।
7. डेयरी फार्म की देखभाल (Farm Management):
शेड निर्माण:
- हवादार और सूखा स्थान चुनें।
- पशुओं के लिए आरामदायक जगह हो, जिससे वे तनावमुक्त रहें और दूध उत्पादन अधिक हो।
सफाई:
- रोजाना शेड की सफाई करें।
- पशुओं को समय-समय पर नहलाएं।
पशुओं की स्वास्थ्य देखभाल:
- टीकाकरण (Vaccination) और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं।
- पशुओं के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा केंद्र (Veterinary Center) से संपर्क रखें।
8.काम करने के लिए लोग (Peoples For Work):
- गायों और भैंसों की देखरेख के लिए सही व्यक्तियों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। ये लोग न केवल पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए जिम्मेदार होंगे, बल्कि आपकी डेयरी या पशुपालन व्यवसाय की सफलता में भी योगदान देंगे।
- गाय और भैंसों का दूध निकालने, उनको समय पर खाने देने और साफ सफाई के लिए आपको कुछ लोगों को नौकरी पर रखना होगा.
9. दूध उत्पादन और मार्केटिंग (Milk Production and Marketing):
- दूध निकालने के लिए मशीन का उपयोग करें ताकि दूध स्वच्छता और गुणवत्ता बनी रहे।
- दूध को स्टोर करने के लिए कूलिंग टैंक का इस्तेमाल करें।
- बिक्री के विकल्प:
- स्थानीय बाजार: स्थानीय दुकानदारों और ग्राहकों को दूध बेचें।
- डेयरी कंपनियां: सुधा डेयरी, अमूल जैसी कंपनियों से संपर्क करें।
- घरेलू आपूर्ति: घर-घर दूध सप्लाई नेटवर्क बनाएं।
- उत्पाद प्रसंस्करण: घी, मक्खन, दही, पनीर आदि के निर्माण और बिक्री का भी विकल्प चुनें।
10. लाइसेंस और अनुमति (Licenses and Permissions):
- बिहार सरकार के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) से संपर्क करें। यहां Click करें।
- डेयरी फार्म के लिए FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) का लाइसेंस लें। यहां Click करें।
- स्थानीय पंचायत या नगर निगम से अनुमति प्राप्त करें।
- शुरुआत में छोटे स्तर पर डेयरी फार्म शुरू करें और धीरे-धीरे इसका विस्तार होने के बाद Licenses के लिए Apply करें।
11. प्रशिक्षण (Training):
- बिहार कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर या पटना स्थित पशुपालन विभाग से डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लें।
- डेयरी प्रबंधन, पशुओं की देखभाल और चारा प्रबंधन पर विशेषज्ञों से परामर्श करें।
12. डेयरी फार्म का विस्तार (Expansion):
- जब आपका व्यवसाय स्थिर हो जाए, तो गाय और भैंसों की संख्या बढ़ाएं।
- दूध से बने उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट खोलने का भी विचार करें।
- बिहार में जैविक दूध (ऑर्गैनिक मिल्क) का बढ़ता बाजार है, जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं।